What is Advance Tax?
Advance tax वो टैक्स होता है जो अमाउंट अपने अपनी सैलेरी से अलग कमाया होता है उस amount पर लगने वाला टैक्स Advance Tax होता है , उदाहरण के लिए –
- अपने कोई lottery जीती है
- या अपने कोई capital gain किया है Mutual Fund में।
- या कही से कोई बड़ी इंटरेस्ट इनकम आपको मिली है
- या फिर अपने आपके किसी हाउस पर rent इनकम प्राप्त की है मतलब अपने कोई घर किराये पर दिया था और वह से मिलने वाला rent .
तो जिस साल में आपको ये इनकम हुई है आपको एडवांस टैक्स उसी साल के 4 quarter में भरना पड़ता है वो 4 quarter के डेट ये होते है
- 15 जून
- 15 सितम्बर
- 15 दिसम्बर
- 15 मार्च
मतलब जिस quarter में आपको ये extra income हुई है उसी quarter में भरना होता है।
एक और बात अगर आप एक साथ नहीं भर पा रहे Advance tax तो आप उसको
- 15%
- 45%
- 75%
- 100%
इन चार क़िस्त में भी भर सकते है बस ये याद रहे की उसी क्वार्टर में भरना होता है नहीं तो पेनल्टी लगती है।
अच्छा तब क्या होंगे जब आप एडवांस टैक्स नहीं भर पते हो टाइम पर ? तो सीधी बात है आपको इनकम टेक्स डिपार्टमेंट आपके ऊपर इंटरेस्ट लगाएंगी।
तो कितना इंटरेस्ट लगेंगे ?
जितना भी अमाउंट रह गया हो उस क्वार्टर का उसका 1% लगेंगे इंटरेस्ट हर महीने , मतलब आप जितने मंथ लेट होंगे उतने ही month टोटल अमाउंट का 1% उस टोटल अमाउंट पर add होते रहेंगे इंटरेस्ट के तौर पर।
चाहिए अब बात करते है एडवांस टैक्स पर छूट मिलती है क्या ओर ? और अगर मिलती है तो किसको मिलती है
- सीनियर सिटिज़न को छूट मिलती है अगर उनकी और कोई बिज़नेस इनकम न हो। अगर कोई लोटरी जीती है जो 10000 से ज्यादा है जैसे और भी पॉइंट ऊपर बताये गया है को एडवांस टैक्स पर न भरते हुए self assessment tax भरते टाइम भर सकते है
- कुछ बिज़नेस होते है जो presumptive taxation scheme के अंदर आते है मतलब जिनके अन्तर्गत section 44AD , section 44ADS आते है उनको एडवांस टैक्स के क्वार्टर में टैक्स न भरने की छूट दी जाती है। पर याद रहे उनको 15 मार्च तक भरना ही रहता है। उसी फाइनेंसियल year में वो भी पूरा का पूरा।